पैगम्बर साहब की पैदाइश के दिन 15 व 16 सितम्बर को शराब बंदी लागू हो। संगठनों व समाज के चिंतकों द्वारा इन उत्पादों को बन्द करने के लिए सरकार से मांग की

Spread the love

पैगम्बर साहब की पैदाइश के दिन 15 व 16 सितम्बर को शराब बंदी लागू हो। संगठनों व समाज के चिंतकों द्वारा इन उत्पादों को बन्द करने के लिए सरकार से मांग की

शराब जिसे हर धर्म, हर समाज में बुरा ही समझा जाता है

और पवित्र धर्म इस्लाम में इसे पूरी तरह हराम समझा जाता है और वह

भी इसलिए कि नशे में रहते हुये आदमी अपनी मान, मर्यादा, अपने बड़ों

की इज्जत को भूल जाता है और नशे में धुत रहते हुए अक्सर ऐसे कारनामें

कर गुजरता है जो कतई बर्दाश्त के लायक नहीं होते हैं। मोहम्मद साहब

ने शराब को बुराई की जननी बताया है। पवित्र दुकान में भी शराब को

हराम, बुरा बताया गया है इसलिए ईद मिलादुन्नबी (बारहवफात 15 व 16

सितम्बर) को पूरे देश में शराब बंदी केन्द्र व राज्य सरकारों के द्वारा लागू

की जाए। नशा उत्पन्न करने वाले उत्पादों तम्बाकू, चरस, अफीम, गाजा,

शराब, स्मैक बल्कि सरकारी खजानों की भी सेहत पर इनका बहुत बुरा

असर पड़ रहा है। देश में शराब बंदी होने से स्वच्छ वातावरण पर भी बड़ा

असर पड़ेगा। देश खुशहाली व विकास की ओर अग्रसर होगा। सरकारी

आ कड़े खुद बयां करते हैं कि कैसे केन्द्रीय व राज्य सरकारों के महकमे

इन नशा उत्पाद से होने वाली बीमारियों और खतरों से निपटने के लिए

अपनी ओर से करोड़ों, अरबों रुपयों के प्रचार को स्वास्थ्य विभाग, अस्पताल

आदि को नशा मुक्त करने के लिए खर्च कर रही है। इसलिए समय-समय

पर जागरुक, संगठनों व समाज के चिंतकों द्वारा इन उत्पादों को बन्द करने के लिए सरकार से मांग की जाती रही है। पूर्व में बिहार व गुजरात सरकार ने शराब बंदी पूर्णतः अपने प्रदेश में लागू कर रखी है जोकि समाज हित में एक अच्छा कदम उठाया है। मा. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा शुरू किए गए स्वास्थ्यता अभियान के अमल में भी नशाखोरी के यह उत्पादक वाधक हैं इनके सेवन करने से एक ओर जहां व्यक्ति अपने-अपने परिवार अपने समाज के प्रति कर्तव्यहीन हो जाता है वहीं इनके सेवन से अकसर बेकाबू होकर लड़ाई झगड़े आदि कर बैठता है नशे में होने वाला व्यक्ति अकसर दुर्घटना का शिकार भी हो जाता है और नशाखोर व्यक्ति जुए, सट्टे आदि लतों का भी शिकार हो जाता है।

इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मा. महोदय प्रार्थी लगातार पिछले कई वर्षों से उक्त सन्दर्भ में प्रार्थना पत्र देता आ रहा है। उक्त ज्ञापन के माध्यम से कुरैश कान्फेन्स पंजीकृत सामाजिक संस्था मांग करती है कि 15 व 16 सितम्बर को पैगम्बर साहब के पैदाइश के दिन (जन्म दिवस) पर नशा बंदी घोषित की जाए क्योंकि सभी धर्मों ने यह स्वीकार किया है कि नशे से कहीं से भी कोई लाभ नहीं है, सिवाए हानि के, क्योंकि नशे में रहने वाला व्यक्ति अकसर अपना व अपने परिवार का नुकसान ही करता है। अतः शराब बंदी देश हित के लिए जरूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *