कार्यक्रम के तहत मटामई में आयोजित की गई माता बैठक – डायरिया से बचाव के लिए समुदाय में बढ़ाई जा रही जागरुकता Tv92news

Spread the love

“माताओं की भागीदारी से डेटॉल डायरिया नेट जीरो प्रोजेक्ट को मिलेगी सफलता”
– कार्यक्रम के तहत मटामई में आयोजित की गई माता बैठक
– डायरिया से बचाव के लिए समुदाय में बढ़ाई जा रही जागरुकता
फिरोजाबाद, 23 अक्टूबर 2024 ।
जिले में डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया कार्यक्रम के तहत जागरण और रैकिट इंडिया द्वारा संचालित डेटॉल डायरिया नेट जीरो प्रोजेक्ट के अंतर्गत फिरोजाबाद देहात के गांव मटामई और ईट भट्टा पर सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने के लिए माता बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का उद्देश्य शून्य से छह वर्ष तक के बच्चों में डायरिया से होने वाली मृत्यु दर को समाप्त (जीरी) करना है। इसमें संपूर्ण दस्त प्रबंधन के लिए डब्लूएचओ के सात सूत्रों पर विस्तार से चर्चा की गई।

माता बैठक को संबोधित करते हुए डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर विकास चतुर्वेदी ने बताया कि रोटा वायरस एक प्रकार का वायरस है जो मुख्य रूप से बच्चों में डायरिया का कारण बनता है। यह वायरस विश्वभर में बच्चों में डायरिया के सबसे आम कारणों में से एक है। बैठक में उपस्थित प्रतिभागियों को डायरिया से बचाव के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) का घोल निर्जलीकरण को रोकने और इलाज करने के लिए एक प्रभावी तरीका है । यह विशेष रूप से डायरिया और उल्टी के मामलों में उपयोगी होता है, जिंक की टैबलेट एक महत्वपूर्ण पूरक है जो बच्चों में डायरिया के उपचार में मदद करती है और महिलाओं और बच्चों को हाथ धोने के सही तरीके व हाथों को 20 सेकंड तक धोना चाहिए।

Tv92 न्यूज़ चैनल को सब्सक्राइब करें लाइक करें शेयर करें साथी बैल आइकन दबाना ना भूले नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और पूरी खबर देखें

https://www.youtube.com/@tv92news6

खबरों और विज्ञापन के लिए संपर्क करें 9457277319

 

उसायानी स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ कीर्ति गुप्ता के द्वारा माता बैठक और आयुष्मान आरोग्य मंदिर मटामई का औचक निरीक्षण किया और उसके बाद डीएनजेड टीम के काम की प्रशंसा की और सुरक्षित स्वच्छ पेयजल, सुरक्षित शौचालय, रोटा वैक्सीन, स्तनपान, से संबंधित जानकारी दी ।
जिला सामुदायिक प्रक्रिया समन्वयक रवि कुमार ने बताया कि जीरो डायरिया अभियान का लक्ष्य है कि 2030 तक डायरिया की घटनाओं को 90% तक कम किया जाए और डायरिया से होने वाली मृत्यु दर को 95% तक कम किया जाए। उन्होंने बताया कि डायरिया से बचाव के लिए स्वच्छता, सुरक्षित पानी, स्वस्थ खाना, और टीकाकरण बहुत महत्वपूर्ण हैं।

इस मौके पर विकास चतुर्वेदी डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर, भानु प्रताप सिंह ब्लॉक कोऑर्डिनेटर, गुलाबी दीदी नीरू देवी औरब रूबी रूबी मौजूद रही ।

संपूर्ण दस्त प्रबंधन के लिए डब्लूएचओ के सात सूत्र
– सुरक्षित स्वच्छ पेयजल
– सुरक्षित शौचालय
– हाथ धोना
– स्तनपान
– टीकाकरण (रोटा वैक्सीन)
– ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन)
– जिंक की टैबलेट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *