बुखार आने पर घबराएं नहीं, डॉक्टर से करें संपर्क – सही समय पर उपचार न होने पर जानलेवा हो सकता है डेंगू TV92News

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मच्छरों की रोकथाम ही डेंगू से बचाव
– अपने आसपास न पनपने दें मच्छर
– बुखार आने पर घबराएं नहीं, डॉक्टर से करें संपर्क
– सही समय पर उपचार न होने पर जानलेवा हो सकता है डेंगू
आगरा, 04 दिसंबर 2024।
मौसम बदल रहा है ऐसे में अभी मच्छर जनित रोग हो रहे हैं। इनमें डेंगू सबसे खतरनाक है। डेंगू से बचाव के लिए सावधानी जरूरी है। डेंगू होने पर सही समय पर सही उपचार भी मिल जाए तो डेंगू से बचाव संभव है। अन्यथा डेंगू जानलेवा हो सकता है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग अपने आसपास मच्छरों को न पनपने दें। सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करें। मच्छर के काटने पर मलेरिया, चिकनगुनिया व डेंगू जैसी बीमारी होने की आशंका रहती है। उन्होंने बताया कि डेंगू एक मच्छर जनित वायरल रोग है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू या डेंगी डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है। यह मादा एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह साफ पानी में पनपता है।

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बुखार आए तो हो जाएं सचेत
वेक्टर बोर्न रोगों के नोडल अधिकारी डॉ. सुरेंद्र मोहन प्रजापति ने बताया कि डेंगू के लक्षणों के बावजूद समय से जांच न होने की स्थिति में जब इसका बुखार छठवें से आठवें दिन में पहुंचता है तो खतरा भी ज्यादा बढ़ जाता है, लेकिन ऐसे मरीज भी समय से अस्पताल आएं तो भर्ती कर ठीक हो जाते हैं । शरीर में चकत्ते आना या नाक, मुंह व मसूड़ों से खून आना डेंगू के खतरनाक लक्षण हैं और ऐसी स्थिति में मरीज को भर्ती करना अनिवार्य है । प्लेटलेट उन्हीं मरीजों को चढ़ाने की जरूरत पड़ती है जिनके शरीर से ब्लीडिंग होने लगती है। अगर ब्लीडिंग नहीं हो रही है तो बीस हजार प्लेटलेट होने पर भी इसे चढ़ाने की आवश्यकता नहीं है, जबकि अगर ब्लीडिंग हो रही है तो अस्सी हजार प्लेटलेट रहने पर भी इसे चढ़ाना पड़ता है।

साफ पानी में पनपता है डेंगू का मच्छर, न इकट्ठा होने दें पानी
जिला मलेरिया अधिकारी राजेश गुप्ता ने बताया कि डेंगू का वाहक एडीज मच्छर साफ पानी में पैदा होता है। ऐसे में छत एवं घर के आसपास अनुपयोगी सामग्री इकट्ठा न होने दें। हफ्ते में एक बार टीन, डब्बा, बाल्टी का पानी खाली कर दें और दोबारा उपयोग के लिए उनको सुखाएं। प्रत्येक सप्ताह कूलर का पानी खाली कर दें और सूखा कर ही पानी भरें। पानी के बर्तन और टंकी आदि को ढंग कर रखें। हैंडपम्प के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। घर के आसपास के गड्ढों को मिट्टी से ढक दें। साफ जमा पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ इंजन का तेल डालें। दिन में भी पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।

सहायक मलेरिया अधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों से बचाव करना जरूरी है। इसके अपने घर में या घऱ के आसपास गमलों में, टायरों में, गड्ढों में पानी को जमा न होने दें। कूलर के पानी को सप्ताह में एक बार जरूर बदलें । इन्हीं में डेंगू का लार्वा पनपता है। उन्होंने ने बताया कि एंबेड परियोजना के प्रतिनिधियों के द्वारा मच्छर जनित रोगों और डेंगू बचाव और जागरूकता गतिविधियों में सहयोग किया जा रहा है ।
बुखार होने पर यह करें:

• प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखाएं
• चिकित्सक की निगरानी में दवा के साथ पर्याप्त बेड रेस्ट लें
• तरल भोज्य पदार्थों का सेवन करें और खूब पानी पिएं
• तीव्र बुखार की स्थिति में 108 एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचें
• बुखार हो तो यह न करें
• अपने मन से दवा न लें
• शारीरिक श्रम न करें
• बुखार उतरने लगे तो निश्चिंत न हों और सावधानी जारी रखें
• बुखार ठीक होने के बाद भी बेड रेस्ट लें

डेंगू के लक्षण

• तेज बुखार
• त्वचा पर चकत्ते
• तेज सिर दर्द
• पीठ दर्द
• आंखों में दर्द
• मसूड़ों से खून बहना
• नाक से खून बहना
• जोड़ों में दर्द
• उल्टी
• डायरिया

डेंगू की स्थिति जिले में
वर्ष कुल केस
2021 1161
2022 35
2023 173
2024 172

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