सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज से निकली रैली में टीबी रोग के लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी दी Tv92News

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टीबी उन्मूलन के लिए जागरुक करने को निकाली रैली

– सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज से निकली रैली में टीबी रोग के लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी दी
– वि​भिन्न जगहों पर नुक्कड़ नाटक और प्रेरक संदेशों के माध्यम से टीबी की बीमारी को जड़ से खत्म करने को आह्वान किया
आगरा। 23 जनवरी 2025
सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जागरुकता रैली का सफल आयोजन किया गया। इसमें टीबी के रोग के लक्षण और बचाव के लिए लोगों को जागरुक किया।
इस मौके पर प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि चिकित्सा में प्रगति के बावजूद, टीबी विश्व स्तर पर एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा बना हुआ है। भारत सरकार सामूहिक और ठोस प्रयासों के माध्यम से भारत से क्षय रोग (टीबी) को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग एवं स्टेट टास्क फोर्स, टीबी उन्नमूलन के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ.गजेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि टीबी उन्मूलन प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए सात दिसंबर 2024 को टीबी उन्मूलन पर 100-दिवसीय गहन अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान के तीन महत्वपूर्ण लक्ष्य हैं। पहला लक्ष्य सामुदायिक जागरूकता और कमजोर आबादी की स्क्रीनिंग और परीक्षण एक्स-रे एवं सीबीनेट के माध्यम से सक्रिय क्षय रोगियों का पता लगाना है। दूसरा लक्ष्य डिफ़्रिएंसिएटिव टीबी केयर को लागू करके टीबी से पीड़ित लोगों में मृत्यु को कम करना और तीसरा लक्ष्य घरेलू संपर्कों, पीएलएचआईवी और कमजोर आबादी को टीबी प्रिवेंटिव उपचार प्रदान करके समुदाय में नए टीबी मामलों की घटना को रोकना है। इसके बाद पब्लिक हेल्थ, एनटीईपी एवं आचार्य और विभागाध्यक्ष, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग) की नोडल अ​धिकारी डॉ.रेनू अग्रवाल के नेतृत्व में रैली को रवाना किया। रैली के दौरान टीबी के प्रति जनसमूह में जागरूकता बढ़ाना और टीबी उन्मूलन के 100 दिवसीय अभियान को सफल बनाने पर जोर दिया। नुक्कड़ नाटक एवं जनजागरूकता संदेशों के माध्यम से टीबी के लक्षण, बचाव और इलाज के प्रति जानकारी प्रदान की गई। सभी प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे इस गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए निरंतर प्रयास करेंगे। रैली में डॉ. रेनू अग्रवाल,डॉ.गजेंद्र विक्रम सिंह ने आभार जताया। इस अवसर पर डॉ. संतोष कुमार (प्रोफेसर), डॉ. मनीषा, डॉ. हिमालय सिंह, रेजिडेंट डॉक्टर और अंडरग्रेजुएट छात्र-छात्राओं ने अपनी सक्रिय भागीदारी दी।

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