मथुरा में टीबी उन्मूलन के लिए इंजेक्शन आधारित परीक्षण शुरू
– सक्रिय टीबी की पहचान हेतु बलगम जांच व एक्सरे
– टीबी रोकथाम की नई पहल, सीवाई टीबी टेस्ट और टीपीटी से हाई रिस्क समूहों की सुरक्षा
– स्वास्थ्य विभाग की नई पहल, सीवाई टीबी परीक्षण से अब सिर्फ 48 से 72 घंटे में मिलेगा सटीक जाँच परिणाम
– सीवाई टीबी परीक्षण का उपयोग किया जायेगा सिर्फ चिकित्सालय परिसर में
मथुरा, 09 मई 2025।
देश को क्षय रोग (टीबी) से मुक्त करने के राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन के लक्ष्य को पाने के लिए मथुरा जिले में टीबी की जांच और रोकथाम को लेकर नई तकनीक का इस्तेमाल शुरू हो गया है। अब टीबी के संदिग्ध मरीजों की पहचान के लिए सीवाई टीबी परीक्षण नामक एक अत्याधुनिक त्वचा परीक्षण को जांच प्रक्रिया में शामिल किया गया है, जो संक्रमण की पहचान को और अधिक तेज़, सटीक और सरल बना देगा। सीवाई टीबी परीक्षण का उपयोग सिर्फ चिकित्सालय परिसर में ही किया जायेगा ।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय कुमार वर्मा ने बताया कि सीवाई टीबी परीक्षण एक आधुनिक त्वचा परीक्षण है, सीवाई टीबी परीक्षण में इंजेक्शन के माध्यम से जांच की जाएगी । टीबी जांच के उपरांत सिर्फ 48 से 72 घंटे में ही सटीक जाँच परिणाम उपलब्ध हो जाएगा । यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जो टीबी मरीजों के संपर्क में आए हैं या जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर है। उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए सीवाई टीबी टेस्ट अनिवार्य है। उन्होंने ने बताया कि यह परीक्षण विशेष रूप से उच्च जोखिम वाली आबादी के लिए स्क्रीनिंग कार्यक्रमों में उपयोगी है, जैसे कि टीबी रोगियों, स्वास्थ्य सेवा श्रमिकों या एचआईवी वाले लोगों के संपर्क। सी वाई-टीबी परीक्षण के आगमन से टीबी के निदान और उपचार में एक नई उम्मीद जगी है। होगी। सीवाई-टीबी परीक्षण परीक्षण के उपरान्त टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट (टीपीटी) दिया जायेगा। सी वाई-टीबी परीक्षण, टीबी के निदान में एक नई उम्मीद लेकर आया है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.संजीव यादव ने कहा कि इस सीवाई टीबी परीक्षण की खास बात यह है कि यह बीसीजी टीकाकरण से प्रभावित नहीं होता, जिससे गलत नतीजों की संभावना बेहद कम हो जाती है। संक्रमण की पुष्टि होने पर मरीज को टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट (टीपीटी) दिया जाता है ताकि बीमारी सक्रिय न हो पाए। उन्होंने ने बताया कि सीवाई टीबी परीक्षण में रक्त निकालने की आवश्यकता नहीं होती और यह आईजीआरए टेस्ट के समान सटीक मानी जाती है साथ ही इसमें कोई बूस्टर प्रभाव नहीं होता और यह कम संसाधनों वाले क्षेत्रों में भी आसानी से किया जा सकता है। इस परीक्षण से उन लोगों को भी समय पर पहचाना जा सकेगा जिनमें संक्रमण छिपा होता है, लेकिन लक्षण नहीं दिखते हैं ।
मथुरा में टीबी की स्थिति–
जिला कार्यक्रम समन्वयक शिव कुमार के अनुसार, वर्ष 2025 में जनपद मथुरा में 6508 क्षय रोगियों की पहचान की गई है, जिनके संपर्क में आए लोगों की अनुमानित संख्या 24,506 है। इन संपर्कों की समय पर जांच और स्क्रीनिंग के लिए सीवाई टीबी परीक्षण जैसे सटीक परीक्षण अत्यंत उपयोगी साबित होंगे।
सीवाई-टीबी परीक्षण के प्रमुख लाभ—
– बीसीजी टीकाकरण से प्रभावित नहीं होता
– रक्त निकालने की जरूरत नहीं
– सामूहिक स्क्रीनिंग में उपयोगी
– आईजीआरए के बराबर सटीकता
– कम संसाधनों में भी प्रयोग संभव
– परिणाम जल्दी और स्पष्ट
बॉक्स
टीबी उन्मूलन हम सबकी साझा जिम्मेदारी (अपील)
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय कुमार वर्मा ने सभी नागरिकों से अपील की है, कि यदि किसी को लगातार खांसी, बुखार, वजन घटना या कमजोरी जैसे लक्षण हों तो उसे अनदेखा न करें और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच जरूर कराएं। उन्होंने ने कहा कि टीबी से उन्मूलन सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। यदि कोई व्यक्ति टीबी रोगी के संपर्क में आया हो, तो उसे जांच के लिए प्रेरित करें। समय पर जांच और इलाज न केवल उस व्यक्ति को बचा सकता है, बल्कि पूरे समाज को संक्रमण से सुरक्षित रख सकता है।


