Agra : राष्ट्र संत दुर्बलनाथ की शिक्षाओं संग निकली शोभायात्रा, दिखा सामाजिक सद्भाव 51 झांकियों बैंड बाजों के साथ निकाली दसवीं संत दुर्बल नाथ शोभायात्रा Tv92News

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राष्ट्र संत दुर्बलनाथ की शिक्षाओं संग निकली शोभायात्रा, दिखा सामाजिक सद्भाव

51 झांकियों बैंड बाजों के साथ निकाली दसवीं संत दुर्बल नाथ शोभायात्रा

कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, सांसद भोला सिंह ने शोभायात्रा का किया शुभारंभ, जगह जगह हुई पुष्प वर्षा

संत हमारी संस्कृति शब्द और संस्कार के पथ प्रदर्शक: योगेंद्र उपाध्याय

संत दुर्बल नाथ की प्रेरणा से समाज में आई जागृति: सांसद भोला सिंह

संत दुर्बलनाथ ने समाज में जगाए चेतना: हेमंत चलनी वाले

आगरा। राष्ट्रीय संत शिरोमणि श्री श्री 1008 दुर्बल नाथ जी महाराज के 164 वें जन्मोत्सव पर विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया गया। शोभायात्रा का शुभारंभ कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह खटीक, वरिष्ठ भाजपा नेता ओमप्रकाश चलनी वाले, खटीक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष
तेजेंद्र राजोरा, खटीक महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष हेमंत कुमार चलनी वाले ने समाज के प्रबुद्धजनों के साथ किया।
मुख्य अतिथि सांसद भोला सिंह ने कहा कि खटीक समाज संत जनों के आशीर्वाद से सामाजिक एकजुट और सामाजिक जागरूकता की ओर अग्रसर है।
कहा संत दुर्बल नाथ ने सामाजिक समरसता के लिए अपना जीवन समर्पित किया उन्होंने जीवन पर्यंत समाज को एक नई प्रेरणा के साथ जन चेतना का संचार किया।
उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा संत हमारी संस्कृति सभ्यता और संस्कार के पथ प्रदर्शक हैं। इनके वचन हमारे लिए एक प्रेरणा का काम करते हैं।
इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश चलनी वाले ने कहा कि बाबा दुर्बल नाथ ने समाज की कुरीतियों को दूर करते हुए सामाजिक सद्भाव के साथ समाज को प्रगति का रास्ता दिखाया। आज उनके बताए हुए संकल्प हम सबके लिए एक मार्गदर्शक प्रेरणा है।

खटीक महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष हेमंत चलनी वाले ने बताया कि शोभा यात्रा के माध्यम से सामाजिक सद्भाव के साथ संत शिरोमणि दुर्बल नाथ के बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने कहा संत का जीवन हम सबके लिए प्रेरणा है। संत दुर्बल नाथ ने समाज में चेतना का संचार करते हुए समाज को एक नई दिशा और दशा दिखाने का कार्य किया था। शोभा यात्रा में झांकियां के साथ सूरत का बैंड और अन्य सामाजिक संदेश देती हुई झांकियां निकाली गई।
उप्र खटीक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष तजेंद्र राजोरा ने बताया कि आयोजन समिति के द्वारा पिछले 10 वर्षों से लगातार शोभायात्रा निकल रही है, इस बार शोभायात्रा को और भव्य रूप दिया गया है। समिति के अध्यक्ष शिवकुमार राजोरा ने बताया कि संत दुर्बल नाथ महाराज की शोभायात्रा में इस बार 51 से ज्यादा झांकियां बैंड बाजों के साथ सामाजिक एकता का संदेश देती हुई निकाली गई है । 4 सितंबर को विशाल भंडारे का भी आयोजन समिति की ओर से किया गया है।

यहां से गुजरी शोभायात्रा
संत बाबा दुर्बल नाथ के जन्म उत्सव पर आयोजित शोभायात्रा का शुभारंभ श्री दुर्गा मंदिर कमेटी हॉल खटीक पाड़ा से प्रारंभ होकर तिकोनिया हनुमान मंदिर, घटिया चौराहा, फुब्बारा, सिंधी बाजार, कालीबाड़ी होते हुए बाबा दुर्बल नाथ बगीची पर समापन हुआ। जहां पर समाज के लोगों का सम्मान किया गया।

शोभा यात्रा पर जगह-जगह हुई पुष्प वर्षा
संत बाबा दुर्बल नाथ के जन्मोत्सव पर आयोजित शोभायात्रा का यात्रा मार्ग में जगह-जगह पुष्प वर्षा का स्वागत किया गया। खटीक समाज के लोगों ने स्वागत द्वार बनाकर बाबा की शोभा यात्रा का अभिनंदन किया। कई जगह शोभा यात्रा की झांकियां की आरती उतार कर लोगों ने बाबा दुर्बल नाथ के बताए हुए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

राम जी की सजीव झांकी, महाकाल नंदी की सवारी बनी आकर्षण
शोभायात्रा में 51 झांकियों के बीच अयोध्या में विराजमान प्रभु श्री राम, राम लला , महाकाल नंदी की सवारी की झांकी दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रही। बाबा महाकाल की झांकी के आगे हर हर महादेव बम बम भोले की जय जयकार से शोभायात्रा में भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई।

151 मंगल कलश लेकर निकली महिलाएं
बाबा दुर्बल नाथ शोभायात्रा में पीत वस्त्र धारण किए हुए 151 खटीक समाज की मातृ शक्ति आकर्षण का केंद्र रही। सिर पर मंगल कलश धारण करके महिलाओं ने बाबा दुर्बल नाथ की महिमा का गुणगान करते हुए संकीर्तन किया।

नासिक के बैंड ने मचाई धूम
दशवीं शोभायात्रा में 51 झांकियां के बीच सूरत से आए हुए बैंड ने सुमधुर ध्वनि के साथ अपनी स्थिति देकर सभी का मन मोह लिया। संत आएंगे तो अंगना सजाएंगे के मंगल गीत पर नासिक के बैंड की शानदार प्रस्तुति भक्तों के मन को भा गई।

इनकी रही मौजूदगी
शोभा यात्रा में संरक्षक मदन किशोर पलवार, उपाध्यक्ष जीतू बागड़ी, राजकुमार आशीवाल, शिवकुमार शिंबबे, लाखन सिंह चक, सुंदर सिंह बिटोलिया, सुभाष चंद्र राजोरा, सुमित घूते, संजय घूते, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण आशीवाल, राकेश राजोरा, मंत्री मुल्क राज पलवार, लखमी चंद्र राजोरा, सुरेश, धर्मवीर सिंह चक, देवी राम खेतोलिया, तीर्थ मल्होत्रा, चंद्रपाल राजोरा, गोपाल, मीडिया प्रभारी सत्य प्रकाश पलवार, भगवत दयाल बडगूजर सहित संत दुर्बल नाथ जी सेवा समिति से जुड़े पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

ऐसे थे सन्त शिरोमणि श्री श्री 1008 श्री दुर्बल नाथ जी

परमपूज्य सन्त श्री दुर्बल नाथ जी महाराज खटीक समाज के प्रथम यशस्वी कुलगुरु हुए हैं, जिन्होंने इस समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाकर मानव मात्र को आत्मज्ञान कराकर परमपिता परमेश्वर की ओर ध्यान लगाने के लिए प्रेरित किया। इनका जन्म सन् 1861 में भरतपुर एवं अलवर जिलों की सीमाओं से जुड़े हुए गाँव ‘बिचगाँव’ में हुआ। इनका जन्म आपके माता-पिता के चौथेपन में उनके द्वारा की गई विशेष भगवद् भक्ति के अनुकम्पित आशीर्वाद के फलस्वरूप हुआ। बचपन में दुर्बल नाथ नाम ‘कल्याण’ था। आपका ध्यान ईश्वर की ओर बचपन से ही था। जब आप 8-10 वर्ष की आयु में गायें चराने जाते थे तो वहाँ जंगल में ही ध्यान लगाकर बैठ जाते थे। आपकी मुँहबोली गाय गंगा सभी गायों को चराकर ले आती थी। दोपहर में गंगा के थनों से स्वयं ही दूध झरने लगता। पूज्यश्री दुग्धपान करके ही अपने आपको तरोताजा महसूस करते। संत दुर्बलनाथ ने जीवन पर्यंत सामाजिक सद्भाव के साथ समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करते हुए भक्त जनों को सदमुक्ति का मार्ग दिखाया।

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