Agra :शिवाजी महाराज ने तलवार से नहीं, अपने धर्म और संकल्प से इतिहास लिखा — और दिव्य प्रेम सेवा मिशन उसी संकल्प की आधुनिक व्याख्या है। Tv92News

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शिवाजी महाराज ने तलवार से नहीं, अपने धर्म और संकल्प से इतिहास लिखा — और दिव्य प्रेम सेवा मिशन उसी संकल्प की आधुनिक व्याख्या है।” — दुर्गविजय सिंह शाक्य

माँ तुलजा भवानी की आरती से हुआ ‘जाणता राजा’ के चौथे दिवस का शुभारंभ
बरसते मेघ ने डाला व्यवधान, थोड़ी देर रुकाने के बाद मंचन हुआ पूरा

आगरा। कलाकृति कन्वेंशन सेंटर परिसर में
दिव्य प्रेम सेवा मिशन द्वारा आयोजित विश्वविख्यात ऐतिहासिक महा नाट्य ‘जाणता राजा’ के चतुर्थ दिवस का शुभारंभ माँ तुलजा भवानी की भव्य आरती से हुआ। मंत्रोच्चार और शंखनाद के बीच आरती के पश्चात दीप प्रज्ज्वलन कर मुख्य अतिथि ब्रज क्षेत्र अध्यक्ष दुर्गविजय सिंह शाक्य ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मंच पर उनके साथ डॉ. दिनेश (क्षेत्र प्रचारक, अखिल भारतीय अधिकारी), के.एन. सिंह (कुलपति), आलोक कुमार (अपर मुख्य सचिव, औद्योगिक विकास), संतोष (प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभारी), डॉ. अनिल जैन (पूर्व राज्यसभा सांसद), आनंद (क्षेत्र संपर्क प्रमुख), डॉ. हरीश (क्षेत्र संयोजक संपर्क प्रमुख), मनोज (प्रमुख समाजसेवी एवं उद्यमी), दीपक कुमार (पुलिस कमिश्नर, आगरा), पुरुषोत्तम खंडेलवाल (विधायक), राजकुमार गुप्ता (महानगर अध्यक्ष), मनीष (प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा किसान मोर्चा), कामेश्वर सिंह (प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा किसान मोर्चा), एवं डॉ. सुशील गुप्ता (विभव) उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि दुर्गविजय सिंह शाक्य ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन केवल एक राजा की कहानी नहीं, बल्कि एक जागते हुए राष्ट्र का इतिहास है। उन्होंने विदेशी आक्रमणों के युग में यह सिद्ध किया कि जब राष्ट्र संकट में हो, तब धर्म की रक्षा के लिए तलवार उठाना ही सच्ची साधना है।
उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी भाग्यशाली है जो इस महानाट्य के माध्यम से शिवाजी महाराज के जीवन का सजीव दर्शन कर रही है। ऐसे प्रेरक पात्र हमें स्मरण कराते हैं कि भारत भूमि कभी पराधीन नहीं रही, यहाँ के पुत्र सदा माँ भारती की रक्षा के लिए खड़े रहे हैं।
देश की प्रगति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जब आज भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, तब हमें शिवाजी महाराज के राष्ट्रधर्म से प्रेरणा लेकर आत्मनिर्भर, स्वाभिमानी भारत के निर्माण में भागीदार बनना चाहिए।
दिव्य प्रेम सेवा मिशन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा यह संस्था केवल सेवा नहीं कर रही, बल्कि प्रेम को साकार रूप दे रही है। आशीष गौतम भैया और उनकी टीम ने समाज के उस वर्ग को गले लगाया है, जिसे दुनिया ने भुला दिया था , यह मानवता की सच्ची साधना है।”
अपर मुख्य सचिव, औद्योगिक विकास विभाग आलोक कुमार ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आदर्श हैं, क्योंकि उन्होंने यह सिद्ध किया कि सनातनी पद्धति से एक ऐसी राज्यव्यवस्था दी जा सकती है, जो केवल सामरिक नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी आदर्श हो।
उन्होंने आगे कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन ने अंत्योदय की परिकल्पना को सजीव किया है। जिस समाज की किसी ने चिंता नहीं की, उस वर्ग की सेवा कर यह मिशन वास्तव में राष्ट्र निर्माण का कार्य कर रहा है।
प्रदेश की औद्योगिक प्रगति पर उन्होंने बताया कि साल 2015 में जहाँ केवल 500 नई फैक्ट्रियाँ खुलती थीं, वहीं 2024-25 में यह संख्या 6000 तक पहुँच रही है, यह प्रदेश की आत्मनिर्भरता और रोजगार सृजन का प्रतीक है।
कामेश्वर सिंह (प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा किसान मोर्चा) ने कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन ने 29 वर्षों में समाज के उस वर्ग को संभाला है जिसे समाज ने भुला दिया था। कुष्ठ रोगियों और उनके बच्चों के लिए शिक्षा, आवास, भोजन और प्रशिक्षण की व्यवस्था कर यह मिशन वास्तव में राष्ट्र की सेवा कर रहा है।
उन्होंने बताया कि “हरिद्वार में संचालित छात्रावास में 600 से अधिक बच्चे निःशुल्क शिक्षा पा रहे हैं — बिना सरकारी सहायता, केवल जनसहयोग से। यह मिशन धर्मांतरण की विदेशी प्रवृत्तियों के सामने एक सशक्त सांस्कृतिक दीवार की तरह खड़ा है।
उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज ने पराक्रम से सिद्ध किया था कि राजा वंश से नहीं, संकल्प से बनता है। उसी तरह दिव्य प्रेम सेवा मिशन ने यह सिद्ध किया है कि सेवा से समाज बदला जा सकता है।
बारिश में भी चलता रहा मंचन, डटे रहे दर्शक
संध्या के दौरान हल्की बारिश ने जब मंचन को चुनौती दी, तब भी कलाकारों का उत्साह और दर्शकों की श्रद्धा अडिग रही।
बारिश की बूंदों के बीच दर्शक छत्रपति शिवाजी महाराज की गाथा में डूबे रहे — कोई नहीं उठा, कोई नहीं थका।
यह दृश्य स्वयं शिवाजी के अदम्य साहस की याद दिलाता रहा कि जब विश्वास मजबूत हो, तब मौसम भी संकल्प को नहीं रोक सकता। बारिश जब तेज हुई तो कुछ समय के लिए मंचन रोका गया।

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