लॉयंस क्लब के “प्रयास” से शाहजहां गार्डन में बिखरी चम्पा की खुशबू, बंजर भूमि बनी उपवन

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लॉयंस क्लब के “प्रयास” से शाहजहां गार्डन में बिखरी चम्पा की खुशबू, बंजर भूमि बनी उपवन

− लॉयंस क्लब आफ आगरा प्रयास द्वारा उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के सहयोग से विकसित की गयी चम्पा वाटिका
− 50 वर्ग मीटर की बंजर भूमि का हरित और सुगंधित पुष्पों से किया गया श्रंगारित, लगाए गए 11 प्रजाति के चम्पा

आगरा। प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन के साथ सौंदर्यकरण का प्रयास करते हुए लॉयंस क्लब आफ आगरा प्रयास ने शाहजहां पार्क की 50 वर्गमीटर की बंजर भूमि को उपवन में परिवर्तित कर दिया है।

गुरुवार को शाहजहां पार्क में क्लब द्वारा नवविकसित चम्पा वाटिका का शुभारंभ कर लोकार्पण किया गया। डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डॉ स्वाति माथुर, कैबिनेट सचिव एसपी सरीन, कैबिनेट कोषाध्यक्ष आलोक माथुर, पर्यावरण प्रमुख अतुल बंसल, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के उपनिदेशक डॉ. धर्मपाल यादव, सुप्रीडेंट उद्यान विभाग रजनीश पांडया, डॉ. मुकुल पांडया, हार्टिकल्चर क्लब की संस्थापक लवली कथूरिया, डेजी गुजराल, डॉ मोनिका अग्रवाल, क्लब कार्डिनेटर अजय भार्गव, अध्यक्ष अशु मित्तल, सचिव मनीष बंसल और कोषाध्यक्ष शिप्रा बंसल ने चम्पा वाटिका का लोकार्पण किया।
सावन में हरियाली से खिलते शाहजहां पार्क के एक हिस्से में बंजर पड़ी धरती की कोख में चम्पा के सैंकड़ों पुष्प महक रहे थे। अध्यक्ष अशु मित्तल ने बताया कि लायंस क्लब आफ आगरा प्रयास द्वारा उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के सहयोग से शाहजहां पार्क में चम्पा वाटिका विकसित की गई है। पहली बार शहर के किसी पब्लिक पार्क में चम्पा (गुलचीनी) वाटिका का निर्माण किया गया है।

कई हफ्तों के प्रयास एवं मेहनत के बाद वाटिका में चम्पा के पौधे अपनी सुंदरता बिखेर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चम्पा का पौधा सुंदरता और सुगंध का सुख तो देता ही है साथ ही आयुर्वेद के अनुसार कई बीमारियों के इलाज में भी इसके फूल एवं पत्ते काम आते हैं।

सचिव मनीष बंसल ने बताया कि चम्पा वाटिका विकसित करने में बागवानी विशेषज्ञ डॉ. मुकुल पंडया का विशेष सहयोग रहा। क्लब लगातार जनसेवा को समर्पित कार्य करने के लिए प्रयासरत है।
बागवानी विशेषज्ञ डॉ. मुकुल पांडया ने बताया कि पूरे विश्व में चम्पा की 100 प्रजातियां मिलती हैं, जिसमें 11 विदेशी प्रजातियों के 50 पौधों का रोपण क्लब द्वारा कराया गया। इन पौधाें को गुलचीनी भी कहा जाता है। इनके लाल और गुलाबी फूल अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

इस अवसर पर संस्थापक अध्यक्ष संजीव मित्तल और संस्थापक सचिव विनीत खेरा, सचिव मनीष बंसल, कोषाध्यक्ष शिप्रा बंसल,परिणीता बंसल, रोहित बंसल, रेशमा मगन, कपिल मगन, मीनाक्षी मोहन, मयूरी मित्तल, राखी गुप्ता, दिव्या, आभा शर्मा, नीतू, गरीमा, नीति, आशु जैन, रचना, निधि लाल, मोनिका अग्रवाल, रेनू भगत, सुरभी पाटनी, तनुजा, रीतेश मांगलिक, सोनाली खंडेलवाल, डॉ. अनुपम गुप्ता, अनिल सरीन, लीना, वसुधा, पंकज गर्ग आदि उपस्थित रहे।

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