*श्री हरकिशन ध्याइयै जिस डिठै सभ दुख जाए।*
(गुरु हरकिशन साहिबजी का प्रकाश पर्व बड़ी खुशियों और धूमधाम से मनाया गया)
सिख धर्म के आठवें गुरु साहिब श्री गुरु हरकिशन साहिब जी का पावन प्रकाश पर्व गुरुद्वारा दशमेश दरबार शहीद नगर/विभव नगर गुरुद्वारा साहिब अकालगढ़
छीपीटोला आगरा में बड़ी धूमधाम और उल्लास से मनाया गया सर्वप्रथम रेहरास साहिब जी का पाठ भाई मनसा सिंह जी ने किया उसके बाद भाई सतनाम सिंह जी अंबाला वालों वह वीर गुरशरण सिंह ने अपनी मधुर रसना से अमृत मई कीर्तन का गायन किया उसके बाद हरमन प्यारे वीर महेंद्र पाल सिंह जी ने अपनी मधुर रसना से कीर्तन करके सभी का मन मोह लिया उन्होंने “सतगुर मेरे की वडयाई प्रगट भई है
सबनी थाई ” का गायन किया साथ ही “श्री हरकिशन ध्याइयै जिस डिठै सभ दुख जाए ” शब्द का गायन कर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया उन्होंने बताया की गुरु हरकिशन साहिब जी की उम्र बेशक छोटी थी लेकिन उनमें जोत गुरु नानक की थी छोटी उम्र का व्यक्ति भी कौम की अगुवाई कर सकता है जैसे हीरा सबसे छोटा है लेकिन उसकी कीमत सबसे अधिक है
ऐसे गुरु हरकिशन साहिब जी की उम्र बेशक छोटी है लेकिन उन्होंने सारी कौम को एक सच का मार्ग दिखलाया । गुरुद्वारा बंगला साहिब जहां गुरु हरकिशन साहिब जी के चरण पड़े किसी समय में यह राजा जयसिंह का बंगला होता था लेकिन मेरे गुरु महाराज के चरण पढ़ते ही इस बंगले के साथ साहिबी भी जुड़ गई यह गुरुद्वारा बंगला साहिब बन गया जहां आज भी हजारों लाखों श्रद्धालु गुरु महाराज के चरणों में अरदास करके अपनी झोलियां भरते हैं व अपने दुख तकलीफें दूर करते हैं आज के कार्यक्रम में अपार जन समूह ने हिस्सा लेकर गुरु महाराज की वाणी से जुड़कर अपनी झोलियां भरी।
कार्यक्रम के उपरांत गुरु महाराज के अटूट लंगर का वितरण हुआ जिसे सर्व धर्म के लोगों ने एक साथ बैठकर ग्रहण किया। गुरुद्वारा के प्रमुख सेवादार भाई हरपाल सिंह ने सभी का धन्यवाद किया इस अवसर पर हरपाल सिंह,राजू सलूजा, गुरिंदर सिंह ओबेरॉय, इंद्रजीत सिंह मलकीत सिंह, सुरेंद्र सिंह लवली,गुरु सेवक श्याम भोजवानी,दलजीत सिंह,संजय सेठ,हरजिंदर सिंह,
हरजीत भसीन,सुरेंद्र सिंह लाडी,देवेंद्र सिंह जुल्का,प्रमोद अरोड़ा,सरदार गुरमीत सिंह सेठी, जगमीत सिंह गुलाटी, अरविंद सिंह पप्पी, गुरमुख ज्ञानी, त्रिलोचन सिंह, संतोष सिंह निझ्झर, आदि गढ़मान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।


