Agra: पत्रकार अनीस सैफ़ी
लोकेशन Tv92News
“खूनी खेल खंजर का
मदारी के संग बंदर का,
बार बार हो जाते हमले
है गद्दार भी अन्दर का”

साहित्य निधि एवं ओपन कला मंच के कवि सम्मेलन में वही काव्य रसधार
हास्य श्रृंगार और वीर रस से सराबोर हुए कवियों ने काव्य दीपोत्सव में बांधा समां
आगरा। साहित्य निधि एवं ओपन कला मंच द्वारा आयोजित का काव्य दीपोत्सव एवं विराट अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश के जाने-माने कवियों ने काव्य पाठ के माध्यम से राज और समाज की नीति पर जमकर शब्द प्रहार किये । कभी हास्य की फुहार तो कभी वीर रस की ओजता ने श्रोताओं को मंत्र मुक्त कर दिया। रविवार को होटल क्लार्कस इन स्वीट्स फतेहाबाद शमशाबाद रोड पर रंग-बिरंगी लाइटों की छटा में कवियों ने अपनी वाणी से वातावरण को उत्सव की दिव्यता से आलोकित कर दिया। राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का विधिवत शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप जलाकर कार्यक्रम के अतिथियों और देशभर से आए राष्ट्रीय कवियों ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत में दौसा राजस्थान से आई श्रृंगार रस की कवित्री सपना सोनी ने गणपति और सरस्वती वंदना के साथ अपना काव्य पाठ प्रस्तुत किया।
इसके बाद जैसे ही प्रसिद्ध गीतकार कार्यक्रम संयोजक वीरेंद्र नरवार हृदय ने अपने काव्य पाठ में ”
माना कि हिंसा से केवल बर्बादी होती पर ,
हिंसा बिना अहिंसा का अस्तित्व नहीं हो सकता है ।
जैसी चंद रचनाओं के साथ कार्यक्रम में समां बांध दिया। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच श्रोताओं ने काव्य पाठ को जमकर सराहा।
कार्यक्रम के सूत्रधार राष्ट्रीय ओज कवि मोहित सक्सेना ने अपने गीत के माध्यम से
ओज कवि यदि चीख चीख मंदिर पर बात नहीं करते ,
तो अवधपुरी में रामलला के मंदिर को बनवाता कौन ।। काव्य पाठ प्रस्तुत किया।
फरीदाबाद से आए राष्ट्रीय कवि दिनेश रघुवंशी ने अपने काव्य गीत में
मैं अक्सर सोचता रहता हूँ मेरी ज़िंदगानी में।
तेरी आवाज़ ना होती तो कुछ भी नहीं होता।।
इंदौर से आए कभी अतुल ज्वाला ने अपने काव्य पाठ में कहा “उदासी मत सजाइए चेहरे के गुलदान में ।
हंसी बहुत जरूरी है खुद को जिंदा रखने के लिए ।”
इस अवसर कार्यक्रम के अतिथि पूरन डाबर ने कहा कि यह सनातन संस्कृति को समर्पित आयोजन पिछले वर्षों से हो रहा है। इस तरह के आयोजन समाज में युवाओं को प्रेरणा के साथ सामाजिक सद्भाव और समरसता का संदेश देते हैं। आज का काव्य पाठ सभी श्रोताओं के लिए प्रेरणादायक और रसों से सराबोर करने वाला था। इस मौके पर संस्था के संरक्षक प्रदीप कुलश्रेष्ठ,सुनील शर्मा ने संयुक्त रूप से बताया कि यह आयोजन हर वर्ष बेहतर होता जा रहा है इस तरह के कार्यक्रम समाज में हमारी संस्कृति सभ्यता और संस्कार को सजोने की प्रेरणा देते हैं। काव्य पाठ के माध्यम से कवियों ने देश की समसामयिक स्थिति को व्यक्त किया है
*इन्होंने दी प्रस्तुति*
राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में विष्णु उपाध्याय , हीरेंद्र हृदय, मोहित सक्सेना, अतुल ज्वाला, दिनेश रघुवंशी, प्रताप फौजदार, दीपक गुप्ता, सपना सोनी ने अपनी ओजस्वी व भावपूर्ण रचनाओं से श्रोताओं को भावविभोर किया।
कार्यक्रम का संयोजन मोहित सक्सेना ने किया और आयोजन की देखरेख हीरेंद्र हृदय के नेतृत्व में हुई।
फोटो कैप्शन फतेहाबाद रोड स्थित होटल क्लार्कस इन स्वीट्स में साहित्य निधि एवं ओपन कला मंच द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन काव्य पाठ करते राष्ट्रीय ओज कवि मोहित सक्सेना ।


