बाबा श्री मनकामेश्वर रामलीला महोत्सव : द्वितीय दिवस रावण तपस्या, मेघनाथ दिग्विजय, पृथ्वी माँ की पुकार और राम जन्म लीला का भावपूर्ण मंचन
आगरा। बाबा श्री मनकामेश्वर रामलीला महोत्सव 2025 के द्वितीय दिवस का मंचन भक्तिभाव और दिव्य भावनाओं से परिपूर्ण रहा। गढ़ी ईश्वरा, दिगनेर, शमशाबाद में चल रहे दस दिवसीय महोत्सव में मंगलवार की संध्या को श्री रामचरित मानस जी की आरती के उपरांत श्रीराम जन्म लीला से जुड़े प्रसंगों का मंचन हुआ। इस अवसर पर मुख्य आयकर आयुक्त अनुपम कांत गर्ग, श्रीमहंत योगेश पुरी और मठ प्रशासक हरिहर पुरी सहित भक्तों ने आरती कर मंगलमय आरंभ किया।
श्रीमहंत योगेश पुरी ने महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि रामलीला महोत्सव का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि जीवन में धर्म, सत्य और कर्तव्य पालन की प्रेरणा देना है। जब दर्शक इन लीलाओं को देखते हैं, तो वे अपने भीतर भगवान श्रीराम की मर्यादा और आदर्शों को महसूस करते हैं। यही इस महोत्सव की सबसे बड़ी साधना है।
मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने कहा कि इस महोत्सव में हर जाति, हर वर्ग और हर धर्म के लोग इस उत्सव में एकत्रित होकर रामभक्ति का रस पान करते हैं। यही हमारे गाँव की असली पहचान है।
लीला का प्रारंभ रावण तपस्या से हुआ, जहाँ अहंकारी रावण को अपार शक्तियाँ प्राप्त होती हैं। इसके बाद मेघनाथ दिग्विजय का मंचन हुआ, जिसमें उसके पराक्रम और सामर्थ्य को जीवंत किया गया। पृथ्वी माँ की पीड़ा और भार से व्याकुल स्वरूप ने जब देवताओं से प्रार्थना की, तो भगवान विष्णु के अवतरण का संकल्प हुआ।
इस अवसर पर मंच पर जीवंत झाँकियों और कलाकारों की प्रभावी प्रस्तुति ने दर्शकों को बांधे रखा। लीला का हर दृश्य भक्ति और आस्था से ओतप्रोत रहा।
फोटो कैप्शन : बाबा श्री मनकामेश्वर रामलीला महोत्सव में लीला का मंचन करते स्वरूप।
धन्यवाद
हरिहर पुरी
मठ प्रशासक


