दर्शन परसीय गुरु के जन्म मरण दुख जाए
बंदी छोड़ दिवस पर
निरोल गुरवाणी कीर्तन
आगरा गुरुद्वारा गुरु का बाग मधु नगर पर दो दिवसीय समागम के
समापन पर
धन धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के आगे गुरु की प्यारी हजारों संगतों ने परिवार सहित पहुंचकर शीश नवाकर गुरूघर की खुशियां प्राप्त कर मीरी पीरी के मालिक
छवे गुरु श्री गुरु हरगोविंद साहब जी के दाता बंदी छोड़ दिवस समागम मनाया
कीर्तन दरबार की आरंभता की पंथ के महान कीर्तनीय जत्था भाई साहब भाई जसकरन सिंह पटियाला वालो द्वारा
मधुर रसना से गुरु की उस्तद निरोल शब्द गुरवाणी कीर्तन के साथ संगत को निहाल निहाल किया
1,सभना दा मा पिओ आप हे आपे सार करे
2,वस मेरे प्यारया वस मेरे गोविंदा,,, 3 ऐसी बक्श करी जै दर्शन देहो अपना होह दयाल,,,4 जो हमरी बिद होती मेरे सतगुरा,,,
कीर्तन द्वारा मंत्रमुग्ध किया
पंथ के महान कथा वाचक भाई सिमरनजीत सिंह पंजोखरा साहिब वालों ने छवी पातशाही
श्री गुरु हरगोविंद साहिब जी की जीवनी पर गुरुओं के उपमा का वर्णन कथा द्वारा किया हजूरी रागी भाई मेजर सिंह द्वारा वाहेगुरु सिमरन अखंड कीर्तन जत्थे द्वारा आसादीवार के पाठ स्त्री सत्संग ने सुखमनी साहिब चौपाई साहिब जी के पाठ की हाजिरी भव्य फूलो की मनोहारी सजावट गुरु महाराज जी की हजूरी में प्रबंधक कमेटी द्वारा गुरुद्वारा गुरु का ताल के बाबा राजेंद्रसिंह इंदौलिया जी का सम्मान सत्कार
गुरु का सरोपा पहनाकर किया साथ ही सतपाल सिंह बत्रा,अरजिंदर पाल सिंह,गुरु सेवक श्याम भोजवानी, अमरजीत सिंह वाधवा,नीरज सोडी, जसपाल सिंह, गुरबख्श सिंह,रागी जत्थों का गुरु का सारोपा पहनाकर सम्मान किया
भाई मेजर सिंह द्वारा अनंद साहिब जी के पाठ ज्ञानी रविन्द्र सिंह ने गुरु की अरदास हुकमनामा के साथ गुरु महाराज जी को सचखंड अपने निज स्थान पहुंचाकर सभी धर्म प्रेमियों ने गुरु का अटूट लंगर पाया
मुख्य रूप से प्रधान नरेंद्र सिंह लालिया, हरपाल सिंह मेहर,जयमल सिंह, सरबजीत सिंह सचदेवा, जगजीत सिंह वाधवा, एकप्रीत सिंह सोबती गोल्डी, सुरेंद्र सिंह भिंडर,केवल सिंह आदि
जोड़ो की सेवा कलगीधर सिख लाइब्रेरी द्वारा की गई


