श्रद्धा सत्कार से मनाया परम तपस्वी अमर शहीद धन धन बाबा दीप सिंह जी का प्रकाश पर्व
शहीदों के सरताज धन-धन बाबा दीप सिंह जी के प्रकाश उत्सव की खुशी में प्राचीन गुरुद्वारा अकालगढ़ साहिब छीपी टोला में अलौकिक कीर्तन दरबार
भव्य फूलों गुब्बारों से सजे दीवान सुशोभित श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी
सभी संगत ने परिवार सहित शीश नवाया गुर की खुशियां प्राप्त की
आकर्षक रंग बिरंगी रोशनी भव्य गुब्बारों की सजावट के भव्य सजा गुरुद्वारा साहिबसाथ कीर्तन दरबार की आरम्भता अमृतवेले नितनेम पाठ के साथ शुरुआत भाई गुरशरन सिंह द्वारा धन धन बाबा दीप सिंह जी की उपमा का व्याख्यान कथा कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया
शब्द: भूले मारग जिन्हे ने बताया ऐसा गुरु वड भागी पाया,,,,, देहे शिवा वर मोहे ऐह शुभ करमन ते कबहुं टरु,,,,,,तेरे भरोसे प्यारे मैं लाड लडाया,,,,,
ज्ञानी सुरजीत सिंह द्वारा गुरु की अरदास हुकुम नामा अपरांत गुरु महाराज के अटूट लंगर का वितरण हुआ जिसे सभी धर्म प्रेमियों ने एक साथ बैठकर पाया
सेवा में मुख्य रूप से कुलबीर सिंह ,दलजीत सिंह,गुरु सेवक श्याम भोजवानी,गुरदीप सिंह लूथरा, परमात्मा सिंह,संजय सेठ,अजीत सिंह,संतोख सिंह निझर,बिट्टू रेखी,ज्ञानी डॉ इंदर सिंह, काकू, राना रंजीत सिंह आदि


