जिले में 47 स्वास्थ्य इकाइयों पर आयोजित हुआ प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस “Tv92News

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गर्भवती को मिल रही है गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व देखभाल, पीएमएसएमए दिवस पर हुई जांच


– जिले में 47 स्वास्थ्य इकाइयों पर आयोजित हुआ प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस
– उच्च जोखिम वाली गर्भवती को चिन्हित कर किया गया संदर्भित
– धात्री महिलाओं में एनीमिया की जाँच प्रबंधन बहुत जरूरी

आगरा, 09 दिसंबर 2025।
जनपद में 47 स्वास्थ्य इकाइयों पर मंगलवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस मनाया गया। इस दिवस के तहत, द्वितीय एवं तृतीय तिमाही की गर्भवस्था वाली गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व जांच की गई। इस अवसर पर गर्भवती महिलाओं को जांच, आयरन, कैल्शियम की गोलियां, और परामर्श सेवाएं प्रदान की गईं। पीएमएसएमए का उद्देश्य गर्भवती को गुणवत्तापूर्ण और व्यापक प्रसवपूर्व देखभाल प्रदान करना है, जिससे मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि पीएमएसएमए दिवस के तहत गर्भवती की प्रसवपूर्व जांच की गई। एनीमिया एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसे नियंत्रित करने के लिए गर्भावस्था के दौरान चार बार जांच कराना आवश्यक है। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए पीएमएसएमए दिवस का आयोजन किया जाता है, जिसमें गर्भवती की दूसरे व तीसरे त्रैमास में एमबीबीएस डॉक्टर व स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा प्रसव पूर्व जांच की जाती है।

डिप्टी सीएमओ आरसीएच डॉ. सुरेंद्र मोहन प्रजापति ने बताया कि पीएमएसएमए दिवस के दौरान गर्भवती का टीकाकरण, आयरन व कैल्शियम की गोलियों का वितरण, आयरन सुक्रोज, अल्ट्रासाउंड सहित, यूरिन, हीमोग्लोविन, शुगर, सिफलिस , वजन, पेट की जांच, हेपेटाइटिस बी, ब्लड प्रेशर, ब्लड ग्रुप, सीबीसी और एचआईवी, टीबी की जांच की गई । इसके अलावा केंद्र पर आने वाले दंपति को बास्केट ऑफ च्वॉइस की सहायता से परिवार नियोजन के साधन अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। गर्भवती और तीमारदारों को परिवार नियोजन के साधनों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अछनेरा के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नीरज ने बताया कि पीएमएसएमए दिवस पर 118 गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व जांच की गई, जिसमें 12 उच्च जोखिम वाली गर्भवती को चिन्हित करके संदर्भित किया गया। एलएमओ डॉ. वनिन्दर कौर ने बताया कि धात्री महिलाओं में एनीमिया की जाँच प्रबंधन बहुत जरूरी है, क्योंकि लगभग हर दूसरी गर्भवती महिला एनीमिया से ग्रसित होती है। उन्होंने बताया कि प्रसव के 24-48 घंटे के अंदर व डिस्चार्ज से पूर्व समस्त धात्री को हीमोग्लोबिन की जांच अवश्य करनी चाहिए।


सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अकोला के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर 90 गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व जांच की गई। जिसमें छह उच्च जोखिम वाली गर्भवती को चिन्हित करके संदर्भित किया गया । इस दौरान इस दौरान लेडी मेडिकल ऑफिसर द्वारा जन्म योजना और संस्थागत प्रसव के से संबंधित लाभों के बारे में जानकारी भी दी गई ।

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