जनपद में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास जारी Tv92News

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बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए क्षय रोग की रोकथाम जरूरी
– बीसीजी टीका बच्चों में क्षय रोग की रोकथाम में बहुत प्रभावी
– बच्चे को लगातार खांसी और बुखार बने रहने से टीबी होने का खतरा
– बच्चों में क्षय रोग के त्वरित निदान और प्रभावी उपचार की आवश्यकता
– बच्चों में पीडियाट्रिक टीबी के लक्षण, उपचार और रोकथाम के तरीके जानना जरूरी
आगरा, 03 जून 2025।
जनपद में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास किया जा रहे हैं। बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में ठोस संकल्प लिया जाना बहुत आवश्यक है क्योंकि बच्चों में क्षय रोग (पीडियाट्रिक टीबी) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसके लिए त्वरित निदान और प्रभावी उपचार की आवश्यकता है। बच्चों को स्वस्थ रखने और क्षय रोग की रोकथाम जरूरी है। यह कहना है मुख्या चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव का।

मुख्या चिकित्सा अधिकारी ने अपील करते हुए कहा है कि क्षय उन्मूलन के लिए समुदाय स्तर पर लोगों का जागरूक होना अति आवश्यक है l ज्यादातर अभिवावक बच्चों की खांसी को मौसम का बदलाव या रात में पंखा चलाने को वजह मानते हैं, जबकि यह टीबी का भी संकेत हो सकता है । बच्चे को लगातार खांसी और बुखार बने रहने से टीबी होने का खतरा भी बढ़ जाता है। बच्चों में क्षय रोग (पीडियाट्रिक टीबी) के बारे में जागरूकता बढ़ाने में सभी का सहयोग महत्वपूर्ण है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि बच्चों में टीबी का शीघ्र निदान करना बहुत जरूरी है, क्योंकि इनके लक्षण वयस्कों की अपेक्षा भिन्न और कम स्पष्ट होते हैं। यही कारण है कि बच्चों में टीबी का निदान करना मुश्किल हो सकता है। लेकिन, जनपद में जांच की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं जो टीबी की पहचान में अत्यधिक प्रभावी साबित हो रही हैं।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि बच्चों में क्षय रोग का निदान करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसके लक्षण अन्य बीमारियों के समान हो सकते हैं। लेकिन, शीघ्र निदान और प्रभावी उपचार से बच्चों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि बच्चों में क्षय रोग के लक्षणों में शामिल हैं- खांसी, बुखार, वजन कम होना, भूख कम होना और गांठों का होना। यदि आपके बच्चे में इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

डॉ. सुखेश गुप्ता ने यह भी कहा कि बच्चों में क्षय रोग के उपचार में एंटी-ट्यूबरक्यूलर ड्रग्स का उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा, “उपचार की अवधि आमतौर पर 6 महीने होती है, लेकिन यह बच्चे की उम्र और बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करती है।” उन्होंने कहा कि बच्चों में क्षय रोग की रोकथाम के लिए टीकाकरण बहुत महत्वपूर्ण है। नियमित टीकाकरण के तहत लगाए जाने वाला बीसीजी का टीका बच्चों में क्षय रोग की रोकथाम में बहुत प्रभावी है। यह टीका बच्चों को क्षय रोग से बचाने में मदद करता है।

बच्चों में क्षय रोग के लक्षणों में शामिल हैं–
– खांसी जो 2 सप्ताह से अधिक समय तक रहती है
– बुखार
– वजन कम होना
– भूख कम होना
– गांठों का होना
– खांसी में खून आना

बच्चों में क्षय रोग की रोकथाम के लिए कुछ अन्य तरीके हैं–
– स्वच्छता और साफ-सफाई का ध्यान रखें
– खांसी और जुकाम से पीड़ित लोगों से दूर रहें
– स्वस्थ आहार लें
– नियमित रूप से व्यायाम करें

जनपद में जांच की आधुनिक सुविधाएं–
– जीनएक्सपर्ट टेस्ट
– सीबी-नेट टेस्ट
– एक्स-रे और सीटी स्कैन

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